ias and pcs difference in hindi – ias aur pcs me kya antar hai
दोस्तो आईएएस का पेपर देने वाले आवेदकों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रहा है। इस समय 1 साल में लगभग 5 लाख लोग इस फिल्ड में आवेदन कर रहे हैं। इसीतरह अधिक आवेदन PCS के लिए भी किया जा रहा है। आइये जानते है आईएएस और PCS में कितना अंतर है।
ias and pcs difference in hindi
आईएएस का पेपर 3 चरणों से होकर गुजरता है प्रारंभिक, मुख्य और इंटरव्यू प्रारंभिक परीक्षा में 2 पेपर होते हैं. GK GSऔर दूसरा C SET, मुख्य परीक्षा में 7 पेपर होते है। इन दोनों चरणों के पूरा करने के बाद, इंटरव्यू होता है।
PCS का पेपर भी 3 स्टेज में होता है इसमें भी प्रारंभिक, मुख्य और इंटरव्यू होता है लेकिन इसमें अवधारणात्मक सवालों के बजाय तथ्यात्मक सवालों पर फोकस किया जाता है।
प्रारंभिक परीक्षा में GK GS का पेपर तो होता ही है लेकिन CSET का पेपर होगा की नहीं, ये राज्य सरकारें स्वयं तय करती हैं। इसके बाद मुख्या परीक्षा और बाद में interview होता है।
आईएएस में एक ही QUALIFYING क्षेत्रीय भाषा का पेपर होता है। जब कि देश के कुछ राज्यों में, PCS के लिए मुख्य रूप से क्षेत्रीय भाषा का पेपर, या सांख्यिकी का पेपर QUALIFYING होता है।
आईएएस की सैलरी तथा पेंशन, केंद्र सरकार द्वारा दिया जाता है आईएएस चाहे जिस भी राज्य में कार्यरत हो हर जगह एक ही वेतन पाता है। वही PCS अधिकारीयों की सैलरी और पेंशन पूरी तरह से राज्य सरकार के नियंत्रण में होता है। PCS अधिकारी जिस राज्य में कार्यरत होता है। वही उसकी सैलरी तय की जाती है।
एक आईएएस अफ़सर, अपना करियर SDM से स्टार्ट करता है. और देश के कैबिनेट सेक्रेट्री पद तक जा सकता है। वही PCS का अफ़सर, अपने राज्य सेवा में बने नियमो के हिसाब से करियर की शुरुआत करता है और प्रदेश का सचिव बन सकता है.
एक आईएएस अधिकारी के, जॉब की शुरुआत होते ही उसे जिला का कलेक्टर बनने में लगभग 2 से 3 साल तक का समय देना पड़ता है। वही एक PCS का अफसर राज्य सेवा में IAS अधिकारी के पद जितनी उन्नति करने में लगभग 8 से 10 सालो तक का वक़्त लग सकता है। बहुत से PCS अधिकारी इस पद पर पहुंचने से पहले ही सेवानिवृत भी हो जाते है।
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